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Monday, March 12, 2012

पहले बनाया तुझको .. फिर दुनिया बसाई होगी ..

पहले बनाया तुझको .. फिर दुनिया बसाई  होगी .. 
तेरे लिए खुदा ने... दुनिया बनाई होगी...
जुल्फें उडें ये तेरी... हवा चलाई होगी...
बैठेगी तू सोचकर.. घाँसें बिछाई होंगी..
पहले बनाया तुझको .. फिर दुनिया बसाई  होगी .. 
तेरे लिए खुदा ने... दुनिया बनाई होगी...

उठे ये तेरी नज़रें पहाड़ बनाए होंगे..
झुके ये तेरी नज़रें बारिश गिराई होंगी...
देखे तुझे ये जहाँ.. रौशनी दिखाई होगी...
सपने देखे तू.. रातें ओढाई होंगी...
पहले बनाया तुझको .. फिर दुनिया बसाई  होगी .. 
तेरे लिए खुदा ने... दुनिया बनाई होगी...

 हाथों के लिए तेरे.. फूल खिलाए होंगे
हँसेगी तू जानकार  पंछी   उडाए होंगे 
आँखों के लिए तेरे तारे जलाए होंगे...
राहों में रौशनी हो .. चांदनी गिराई होगी...
पहले बनाया तुझको .. फिर दुनिया बसाई  होगी .. 
तेरे लिए खुदा ने... दुनिया बनाई होगी...

3 comments:

Sumit said...

bahut khoob mithelesh bhai... keep up the good work.. :)

Pradeep Malviya said...

Awesome ! the way it goes, flow is superb and meaningful..

aparna said...

wow, mashallah, bahut khub.