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Saturday, December 31, 2011

फिर एक नया साल बनाएं...


आओ कुछ  दिन इक्कठे करें फिर...  फिर एक नया साल बनाएं...

कल के सूरज में नया ढूंढें कुछ.....  फिर रातों में नए दीप जलाएं ... 

बच्चों की हंसी फिर से सुने.... चिड़ियों की आवाजों से नए गीत बनाएं ..

कुछ दोस्त नए इक्कठे करें ....  कुछ नए शेर और सुनाएं .. 

बातें सुने कुछ तुम्हारी.... कुछ अपनी बात बताएँ.... 

नयी बारिशों में भीगें.... गीली मिटटीओं की खुशबु फैलाएं ..

आओ कुछ  दिन इक्कठे करें फिर...  फिर एक नया साल बनाएं...




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